मिर्ज़ा - असद उल्लाह ख़ां उर्फ ग़ालिब जिन्हें "मिर्ज़ा ग़ालिब" के नाम से भी जाना जाता है|उर्दू अदब के महान शायर थे वैसे तो उनके बारे में कुछ कहना या कुछ लिखना सूरज को दीया दिखाने के बराबर है| इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी कोशिश है कि उनकी गजलों को सरल तरीके से पेश कर सकूं और इसके पीछे मेरा मकसद सिर्फ इतना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके कलाम को पढ़ और समझ सके |
वाह ! बहुत सुंदर गजल ! यहाँ दिल भी नाकाफी है और वक्त भी..
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अनीता जी ।
हटाएंजबाब नही ग़ालिब साहब का,,,,बहुत खूब लाजबाब गजल,,,आभार इमरान जी,,
जवाब देंहटाएंrecent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
शुक्रिया धीरेन्द्र जी ।
हटाएंbahoot khoob kitni ashani se apni baat kah dete hai...lajawab
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