मिर्ज़ा - असद उल्लाह ख़ां उर्फ ग़ालिब जिन्हें "मिर्ज़ा ग़ालिब" के नाम से भी जाना जाता है|उर्दू अदब के महान शायर थे वैसे तो उनके बारे में कुछ कहना या कुछ लिखना सूरज को दीया दिखाने के बराबर है| इस ब्लॉग के ज़रिये मेरी कोशिश है कि उनकी गजलों को सरल तरीके से पेश कर सकूं और इसके पीछे मेरा मकसद सिर्फ इतना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उनके कलाम को पढ़ और समझ सके |
हैं और भी दुनिया में सुखनवर कई अच्छे..... कहतें हैं के ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयान और! सच में! आशीष -- अब मैं ट्विटर पे भी! https://twitter.com/professorashish
इमरान अंसारी भाई आपके इस महान कार्य के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद| दिल खुश हो गया ग़ालिब साहब को पढ़ कर| आपके साथ साथ नूतन जी का भी शुक्रिया जो मुकम्मल वजह बनी आप तक पहुँचने की|
हैं और भी दुनिया में सुखनवर कई अच्छे.....
जवाब देंहटाएंकहतें हैं के ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयान और!
सच में!
आशीष
--
अब मैं ट्विटर पे भी!
https://twitter.com/professorashish
umda .. ghalibh kaa koi saani nahi... Imran ji..dhanyvaad aapka..
जवाब देंहटाएंचचा गालिब की मैं जबरदस्त प्रशंसक हूं...उनकी शायरी की तो मिसाल ही नहीं...एक साथ उनकी ग़ज़लें पढ़ना...एक ही जगह...बहुत खूब इमरान जी
जवाब देंहटाएंइमरान अंसारी भाई आपके इस महान कार्य के लिए बहुत बहुत मुबारकबाद| दिल खुश हो गया ग़ालिब साहब को पढ़ कर| आपके साथ साथ नूतन जी का भी शुक्रिया जो मुकम्मल वजह बनी आप तक पहुँचने की|
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