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फ़रवरी 14, 2011

आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसां होना


बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना
आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसां होना

गिरियां (रोना) चाहे है ख़राबी मेरे काशाने (घर) की
दर-ओ-दीवार से टपके है बयाबां (रेगिस्तान) होना

हाय  दीवानगी-ए-शौक़ कि हरदम मुझको
आप जाना उधर और आप ही हैरां होना

जल्वा अज़-बसकि(इस हद तक) तक़ाज़ा-ए-निगह (दावा) करता है
जौहर-ए-आईना (आईने का दाग) भी चाहे है मिज़गां (भीगी पलकें) होना

इशरते-क़त्लगहे-अहले-तमन्ना (सीने पर सर रखने की तमन्ना) मत पूछ
ईद-ए-नज़्ज़ारा( ईद का नज़ारा) है शमशीर (तलवार) का उरियां (नंगा) होना

ले गये ख़ाक में हम दाग़-ए-तमन्ना-ए-निशात (ख़ुशी की हसरत का दाग)
तू हो और आप बसद-रंग (सारे रंग) गुलिस्तां होना

इशरत-ए-पारा-ए-दिल (दिल के टुकड़े) ज़ख़्म-ए-तमन्ना ख़ाना
लज़्ज़त-ए-रेश-ए-जिग़र (जिगर के घाव) ग़र्क़-ए-नमकदां (नमक में डूबे)होना

की मेरे क़त्ल के बाद उसने जफ़ा से तौबा
हाय उस ज़ूद-पशेमां (गुनाहगार) का पशेमां (शर्मिंदा) होना

हैफ़ (शोक) उस चार गिरह कपड़े की क़िस्मत 'ग़ालिब'
जिसकी क़िस्मत में हो आशिक़ का गिरेबां होना




3 टिप्‍पणियां:

  1. sarahniya...ansariji!
    galib ke khoobsuraat shayari ko humse share karne ke lie dhanyawaad...

    जवाब देंहटाएं
  2. की मेरे क़त्ल के बाद उसने जफ़ा से तौबा
    हाय उस ज़ूद-पशेमां (गुनाहगार) का पशेमां (शर्मिंदा) होना !

    Ansaari Saahab... Bahut-Bahut dhanyawaad yah rachna padhwane ke liye... Aur Vishesh Dhanyawaad Meri Haunsala Afjai Ke Liye... Thanx

    जवाब देंहटाएं

जो दे उसका भी भला....जो न दे उसका भी भला...